गर महसूस कर पाओ, हाँ मैं तुझमे हूँ कहीं.. गर महसूस कर पाओ, हाँ मैं तुझमे हूँ कहीं..
ज़िन्दगी तो मिल रही हर रोज पर गमों की इसमें कुछ ज्यादा मिलावट है। ज़िन्दगी तो मिल रही हर रोज पर गमों की इसमें कुछ ज्यादा मिलावट है।
किसको था पता, ऐसा साल भी आयेगा दुनिया के सामने, मानों इम्तिहान आयेगा। किसको था पता, ऐसा साल भी आयेगा दुनिया के सामने, मानों इम्तिहान आयेगा।
क्या इस प्रेम की राह में आज भी मैं अकेली हूँ ? क्या इस प्रेम की राह में आज भी मैं अकेली हूँ ?
एक दिन आग देगी राख देगी कहनी मेरी अंत तक साथ लेगी। एक दिन आग देगी राख देगी कहनी मेरी अंत तक साथ लेगी।
दौर-ए-आशिकी मे बेहद गरीब रहे हैं सहाब...... दौर-ए-आशिकी मे बेहद गरीब रहे हैं सहाब......